लेखनी कहानी -16-Apr-2024
#दिनांक:-16/4/2024
#शीर्षक;-ले लो निज अंक मॉं
डूबती नैया को पार लगाओ,
माँ दुर्गा हमें आशीर्वाद देने आओ ।
अस्त्र-शस्त्र नवरूप धारण कर,
पापियों का नाश करने आओ।
सुकोमल भाव समर्पित कमलासिनी,
तू ही गौरी, ब्रह्माणी,रूद्राणी,पर्वतवासिनी।
शिव प्रिया बामांक सुशोभिता,
रक्षा करो मातु दुख निवारिणी।
अलौकिक दिव्य ज्योति तुम्हारी,
माँ ! तुमको पूजते सारे नर-नारी।
भक्तिमय हो जाता महीना संवत्सर,
दुष्ट-दानव पर सदा रहती भारी।
माँ की मूरत मोहिनी ममतामयी,
कृपालु कल्याणकारी करुणामयी।
मिटे जन-मन कल्मष-अंधियारा,
मनोहारी माता मातंगी महिमामयी।
ले लो निज अंक हूँ दीन-दुखी माँ,
सुविचार-विवेक की दो भीख माँ।
गलतियाँ सारी क्षमा करो माता,
खुद की समझ की दो सीख माँ।
(स्वरचित)
प्रतिभा पाण्डेय "प्रति"
चेन्नई
Mohammed urooj khan
17-Apr-2024 11:50 PM
👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾
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Babita patel
16-Apr-2024 01:32 PM
Awesome
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